Saturday, February 28, 2015

विश्व कप में 'छोटे' बन गये 'बड़े' मैच

     यरलैंड और यूएई या फिर अफगानिस्तान और स्काटलैंड के मैचों को आईसीसी से लेकर ​मीडिया और क्रिकेट पंडितों ने कोई तवज्जो नहीं दी। इन्हें विश्व कप का 'छोटा मैच' आंका गया लेकिन इन मैचों का अंत इतना रोमांचक था कि क्रिकेट में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखने वाले व्यक्ति को भी अपना टीवी सेट खोलना पड़ा। इसके उलट जिन्हें 'बड़ा मैच' कहकर मीडिया जगत मुंह फाड़ फाड़कर चिल्ला रहा था और क्रिकेट विश्लेषक अपना पांडित्य झाड़ रहे थे, उनमें से अधिकतर एकतरफा और नीरस साबित हुए हैं। मसलन न्यूजीलैंड और श्रीलंका, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड, भारत और पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज, भारत और दक्षिण अफ्रीका तथा दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसे बड़े मैचों में आखिर में कोई रोमांच नहीं बचा था। इन मैचों में आखिर तक टीवी सेट पर जो लोग चिपके रहे उनमें से अधिकतर पर क्रिकेट नहीं भावनाएं हावी थी।
        भारत और पाकिस्तान मैच को लेकर तो इतना अधिक हाइप बना दिया गया था कि एडिलेड जंग का मैदान बन गया। आखिर में यह मैच एकतरफा साबित हुआ। भारत ने 76 रन से आसानी से जीत दर्ज की। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मेलबर्न में खेले गये मैच की कहानी भी ऐसी ही थी। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 130 रन से पीटा और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों को कहना पड़ा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैच इस कदर एकतरफा होगा।
     ये दो मैच ही क्यों। विश्व कप के उदघाटन मैच में न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को 98 रन से हराया तो दो चिर प्रतिद्वंद्वियों के बीच मुकाबले में आस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 111 रन से रौंदकर इसे एकतरफा बना दिया। जब न्यूजीलैंड का मुकाबला इंग्लैंड से हुआ तो तब किसी भी समय ऐसा नहीं लगा कि दुनिया की चोटी की आठ टीमों में शामिल दो टीमें आमने सामने हैं। इंग्लैंड की टीम 123 रन पर ढेर हो गयी और न्यूजीलैंड ने केवल 12.2 ओवर में दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर दिया। मतलब 226 गेंदें खेली जानी बाकी थी। वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान को 150 रन से हराकर विशुद्ध क्रिकेट प्रेमियों को निराश ही किया। क्रिस गेल के दोहरे शतक से वेस्टइंडीज ने जिम्बाब्वे को भी आसानी से हराया। इसके बाद उम्मीद लगायी जा रही थी कि क्रिस गेल एंड कंपनी और डेल स्टेन एंड कंपनी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। गेल बनाम स्टेन मुकाबले को लेकर बड़ी बड़ी बातें की गयी लेकिन आखिर में हुआ क्या। दक्षिण अफ्रीका ने पांच विकेट पर 408 रन बनाये और वेस्टइंडीज 151 रनों पर ढेर हो गया। पूरी तरह से एकतरफा मैच। ​मैच को देखने के लिये स्टेडियम में पहुंचे दर्शकों के लिये दिलासा देने वाली बात यही थी कि उन्होंने एबी डिविलियर्स की धांसू पारी अपने सामने देखी।
          ब आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड मैच की बात करें। ये दोनों पड़ोसी पिछले विश्व कप के बाद केवल एक बार एक दूसरे से भिड़े थे और उस मैच का भी परिणाम नहीं निकल पाया था। इस तरह से ये दोनों टीमें 2011 के बाद पहली बार किसी ऐसे मैच में खेली जिसका परिणाम निकला। दोनों देशों ही नहीं क्रिकेट खेलने वाले अन्य देशों में भी इस मैच को लेकर बड़ी बड़ी बातें की गयी लेकिन टिम साउथी, ट्रेंट बोल्ट और डेनियल विटोरी की गेंदबाजी त्रिमूर्ति  के सामने चार बार की चैंपियन आस्ट्रेलिया की टीम 151 रन पर ढेर हो गयी। ब्रैंडन मैकुलम ने फिर तूफानी अर्धशतक बनाया लेकिन आस्ट्रेलिया ने भी अपनी गेंदबाजी पावर का जलवा दिखाया, जिससे मैच आखिर में रोमांचक बन गया। अब भावनाओं से ओतप्रोत ही नहीं आम क्रिकेट प्रेमी भी मैच से जुड़ गया था। पहली बार किसी बड़े मैच में खिलाड़ियों के चेहरों पर तनाव दिख रहा था। केन विलियमसन ने आखिर में छक्का जड़कर न्यूजीलैंड को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने के साथ चैपल . हैडली ट्राफी भी दिला दी। यह ट्राफी इन दोनों टीमों के बीच वनडे मैच के विजेता को दी जाती है। न्यूजीलैंड ने 23.1 ओवर में जीत हासिल कर ली थी। लेकिन उसका केवल एक विकेट बचा था। विश्व कप में यह छठा अवसर था जबकि कोई टीम एक विकेट से जीती जिससे पता चलता है कि आखिरी क्षणों में मैच रोमांचक बन गया था। पहली बार कोई बड़ा मैच रोमांच पैदा कर ​गया लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि न्यूजीलैंड ने 161 गेंद शेष रहते हुए जीत दर्ज की। इससे उसका नेट रन रेट भी सुधरा होगा।
        लेकिन छोटे मैचों में आयरलैंड ने यूएई को जब दो विकेट से हराया तब केवल चार गेंद बची हुई थी। अफगानिस्तान ने भी स्काटलैंड को आखिरी ओवर में एक विकेट से हराया। विश्व कप में अब तक केवल ये ही दो मैच ऐसे हुए हैं जिन्होंने आखिरी क्षणों तक क्रिकेट प्रेमियों की सांसें थाम रखी थी। इसके अलावा जब एक बड़ी और एक छोटी टीम आमने सामने थी तब भी मैच में कुछ रोमांच देखने को मिला। आयरलैंड ने तो वेस्टइंडीज को हराकर उलटफेर भी किया। जिम्बाब्वे ने दक्षिण अफ्रीका को परेशान किया। यूएई और जिम्बाब्वे का मैच आखिर पलों तक रोमांचक बना रहा। अफगानिस्तान ने भी श्रीलंका को 49वें ओवर तक मैच खींचने के लिये मजबूर किया। जिस न्यूजीलैंड ने श्रीलंका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त दी उसे ही स्काटलैंड के खिलाफ जीत के लिये संघर्ष करना पड़ा। अब आप ही बताईये कि कौन मैच 'बड़ा' था और कौन 'छोटा'। छोटी टीमों का बेहतर प्रदर्शन क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है। आईसीसी इंग्लैंड में होने वाले अगले विश्व कप में इस टूर्नामेंट का प्रारूप बदलने और इसे दस टीमों तक सीमित करने पर विचार कर रही है लेकिन इन मैचों से उसका फैसला प्रभावित हो सकता है।

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