Tuesday, March 3, 2015

जब पूरी भारतीय पारी में लगे केवल दो चौके

     भारतीय टीम ने लगभग 48 ओवर बल्लेबाजी की लेकिन इस दौरान वह केवल दो बार गेंद को सीमा रेखा के पार भेज पायी। भारतीय टीम की तरफ से ये दोनों चौके भी एक बल्लेबाज ने लगाये थे। यह दिलचस्प नजारा आज से लगभग 14 साल पहले छह दिसंबर 1991 को पर्थ के वाका मैदान पर देखने को मिला था। बेंसन एंड हेजस विश्व सीरीज के इस मैच में भारत के सामने वेस्टइंडीज था। ये दोनों टीमें अर्से बाद फिर से वाका पर छह मार्च यानि होली के दिन विश्व कप मैच के लिये आमने सामने होंगी और उस दिन इतना तय है कि भारतीय पारी में केवल दो चौके नहीं पड़ेंगे। 
     भारत और वेस्टइंडीज के बीच इससे पहले पर्थ में खेला गया एकमात्र मैच कई मायनों में खास था। इस मैच में दोनों टीमों ने 40 से अधिक ओवर खेले लेकिन बल्लेबाज वाका की तेज और उछाल वाली पिच से सामंजस्य नहीं बिठा पाये और कम स्कोर का यह मैच टाई रहा था। 
रवि शास्त्री के बल्ले से निकले थे दोनों चौके
    भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिला और उसकी पूरी टीम 47.4 ओवर में 126 रन पर सिमट गयी। भारतीय पारी की खासियत यह रही कि इसमें केवल दो चौके लगे। ये दोनों चौके भी सलामी बल्लेबाज रवि शास्त्री ने लगाये जो निदेशक के रूप में वर्तमान टीम के साथ अभी पर्थ में मौजूद हैं। शास्त्री ने तब टीम की तरफ से सर्वाधिक 33 रन भी बनाये थे। उनके बाद दूसरा बड़ा स्कोर अतिरिक्त रनों (24 रन) का था। प्रवीण आमरे (20 रन), संजय मांजरेकर (15 रन) और मनोज प्रभाकर (13 रन) भी दोहरे अंक में पहुंचे लेकिन कोई भी गेंद को सीमा रेखा पार नहीं पहुंचा पाया था। कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन, सचिन तेंदुलकर, के श्रीकांत, कपिल देव जैसे धुरंधर दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाये थे। 
       अभी वेस्टइंडीज टीम से कोच के रूप में जुड़े कर्टली एंब्रोस ने तब 8.4 ओवर में केवल नौ रन देकर दो विकेट लिये थे और बाद में उन्हें मैन आफ द मैच भी चुना गया था। एंब्रोस ने बाद में बल्लेबाजी करते हुए 17 रन भी बनाये थे और मैच का एकमात्र छक्का भी लगाया था।
      लेकिन यह क्या वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने फिर से 1983 के विश्व कप फाइनल की कहानी दोहरा दी जबकि कैरेबियाई टीम के लिये भारत का 183 रन का स्कोर पहाड़ जैसा बन गया था। यहां तो लक्ष्य 127 रन था और वेस्टइंडीज की टीम में कप्तान रिची रिचर्डसन, ब्रायन लारा, डेसमंड हेन्स, कार्ल हूपर जैसे बल्लेबाज थे। 
      कपिल ने पहली गेंद पर हेन्स को आउट कर दिया। इसके बाद फिलो वालेस, रिचर्डसन, लारा और हूपर दोहरे अंक में पहुंचे लेकिन इनमें से कोई भी 14 रन से आगे नहीं बढ़ा। वेस्टइंडीज के आठ विकेट 76 रन  पर निकल गये और उस पर हार का खतरा मंडराने लगा। एंब्रोस और दसवें नंबर के बल्लेबाज एंडरसन कमिन्स (24 रन) ने आखिरी क्षणों में मैच रोमांचक बना दिया। वेस्टइंडीज को जब छह रन और भारत को एक विकेट की दरकार थी तब तेंदुलकर ने गेंद संभाली। उनकी पहली पांच गेंदों पर पांच रन बने लेकिन आखिरी गेंद पर वह कमिन्स को आउट करने में सफल रहे। अजहर ने स्लिप में बेहतरीन कैच लपका।  वेस्टइंडीज की टीम 41 ओवर में 126 रन पर आउट हो गयी और मैच टाई हो गया।  अपना पहला एकदिवसीय मैच खेल रहे सुब्रत बनर्जी ने भारत की तरफ से तीन जबकि कपिल और जवागल श्रीनाथ ने दो . दो विकेट लिये थे। 
       रिकार्ड के लिये बता दें कि भारत ने पर्थ पर कुल 12 मैच (विश्व कप 2015 में यूएई के खिलाफ खेले गये मैच सहित) खेले हैं जिनमें से पांच में उसने जीत दर्ज की है जबकि छह मैचों में उसे हार मिली है। एक मैच टाई रहा है। 

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