Monday, May 4, 2015

सुखद अहसास है वेस्टइंडीज और बांग्लादेश का प्रदर्शन

     बांग्लादेश पहली पारी में 296 रन से पिछड़ने के बावजूद पाकिस्तान से टेस्ट मैच ड्रा करवा लेता है और वेस्टइंडीज बैकफुट पर होने के बावजूद इंग्लैंड से मैच जीत लेता है। पिछले सप्ताह के ये दोनों परिणाम विश्व क्रिकेट के लिये सुखद समाचार की तरह हैं। बांग्लादेश पिछले 15 वर्षों में अपने टेस्ट दर्जे को सही साबित करने के लिये जूझता रहा है तो वेस्टइंडीज ने नयी सदी में लगातार हार का सामना किया है। बांग्लादेश अभी टेस्ट क्रिकेट का सबसे नयी टीम है तो वेस्टइंडीज का संक्रमण काल अंदरूनी झगड़ों और कैरेबियाई देशों में बेसबाल और अन्य खेलों की धमक के कारण लंबा खिंचता जा रहा है। दोनों को टेस्ट ही नहीं एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की भी सबसे कमजोर टीमों में आंका जाता रहा है। विश्व क्रिकेट में भारत, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के मुकाबलों में ही दम दिखायी देता था लेकिन लगता है कि अब परिदृश्य बदल रहा है। बांग्लादेश की पाकिस्तान के खिलाफ वनडे श्रृंखला में क्लीन स्वीप, फिर टी20 मैच में जीत और अब पहले टेस्ट मैच में हार की स्थिति में होने के बावजूद ड्रा कराने से जाहिर होता है कि इस देश की क्रिकेटिया प्रगति सही दिशा में आगे बढ़ रही है। 
         आप यह कह सकते हो कि पाकिस्तान क्रिकेट में भी सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अभाव में उसके यहां यह खेल कमजोर पड़ता जा रहा है लेकिन उसने पिछले कुछ वर्षों में दुबई में खेलकर भी बहुत अच्छे परिणाम दिये हैं। बांग्लादेश के खिलाफ शुरू से उसका पलड़ा भारी माना जा रहा था। बांग्लादेश इससे पहले न्यूजीलैंड को भी अपनी सरजमीं पर कड़ा सबक सिखा चुका है और अब पाकिस्तान से पहली बार टेस्ट मैच ड्रा कराने के बाद उसके खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा होगा। अब उसकी टीम शाकिब अल हसन जैसे खिलाड़ियों पर निर्भर नही हैं। उसके पास तमीम इकबाल, इमरूल कायेस, मुशफिकर रहीम, महमुदुल्लाह, मोनिमुल हक, सौम्या सरकार, ताइजुल इस्लाम और रूबेल हुसैन जैसे खिलाड़ी है जो ​बेहद कुशल और प्रतिभावान हैं। बस उन्हें निरंतर अच्छा प्रदर्शन करन की जरूरत है। उम्मीद है कि भारत, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश अब बांग्लादेश को भी गंभीरता से लेंगे। 
    वेस्टइंडीज की बात करें तो उसने लगभग पिछले 15 साल में इंग्लैंड के खिलाफ केवल दूसरी जीत दर्ज की है। जुलाई 2000 के बाद इन दोनों टीमों के बीच 28 टेस्ट मैच खेले गये जिसमें वेस्टइंडीज केवल दो में जीत दर्ज कर पाया जबकि 17 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। वेस्टइंडीज ने इससे पहले इंग्लैंड पर आखिरी जीत फरवरी 2009 में किंग्सटन में दर्ज की थी। पिछले चार . पांच वर्षों में वेस्टइंडीज ने लगभग प्रत्येक टीम का सामना किया लेकिन इस बीच वह बांग्लादेश, न्यूजीलैंड या जिम्बाब्वे पर ही जीत दर्ज कर पाया था। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ जीत उसके लिये टानिक का काम करेगी। यह नहीं भूलना चाहिए पहले टेस्ट मैच में भी उसकी टीम हार के कगार पर थी लेकिन कप्तान दिनेश रामदीन और जैसन होल्डर की साहसिक पारियों से वह इसे ड्रा कराने में सफल रहा था। 
     वेस्टइंडीज की परेशानियां हालांकि अब भी समाप्त नहीं हुई हैं। यह उसकी अंदरूनी परेशानियां हैं जिनका असर टीम और उसके प्रदर्शन पर भी पड़ता रहा है। उसके पास प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन उसका सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। आईपीएल और बिग बैश जैसे टूर्नामेंटों में वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की मांग से पता चलता है कि कैरेबियाई देशों में अब भी क्रिकेट के लिये बहुत अधिक संभावनाएं हैं। वह अपनी खोयी प्रतिष्ठा हासिल करने का माद्दा रखता है। फिलहाल बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के प्रदर्शन से मुझ जैसे क्रिकेट प्रेमी को वास्तव में खुशी मिली है। कोई भी खेल एकतरफा मुकाबलों के कारण जीवंत नहीं रह पाता। उसके लिये प्रतिस्पर्धा जरूरी होती है। इन मैचों में मुझे यह देखने को मिला। यह क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है।   

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