Monday, July 13, 2015

चिर युवा पेस, खिलंदड़ सानिया

   टेनिस भी उन कई खेलों में शुमार करता है जिसमें उम्र काफी मायने रखती है। यदि आप 30 बसंत देखने के बाद भी टेनिस खेल रहे हैं तो आपके दमखम की दाद दी जाती है। मसलन यदि रोजर फेडरर कल विंबलडन फाइनल में नोवाक जोकोविच को हरा देते तो वह ओपन युग में यह खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन जाते है। लेकिन अपने लिएंडर पेस तो 42 साल के हो गये हैं और अब भी कोर्ट पर ऐसा धमाल मचा रहे हैं कि कई युवा खिलाड़ियों का पसीना छूटने लगता है। पेस विश्व टेनिस के चिर युवा हैं। भले ही वह युगल में खेलते हैं लेकिन दुनिया के शीर्ष युगल खिलाड़ियों ने भी 35 साल के बाद टेनिस खेलना छोड़ दिया था। पेस ने दिखा दिया है कि उम्र उनकी राह में रोड़ा नहीं बन सकती।
    पेस ने मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर मिश्रित युगल का खिताब जीता है। वही हिंगिस जो अपनी किशोरावस्था में ही टेनिस में बड़ा नाम बन गयी थी। उन्होंने कुछ दिन अज्ञातवास में बिताये और अब युगल खिलाड़ी के रूप में धमाकेदार वापसी की है। हिंगिस अब 34 साल की हो गयी हैं और यह कह सकते हैं कि उन्होंने और पेस ने दुनिया को दिखाया है कि यदि इच्छाशक्ति है तो फिर उम्र बहुत बड़ी बाधा नहीं बन सकती है। आपको याद होगा कि पेस ने कभी मार्टिना नवरातिलोवा के साथ जोड़ी बनायी थी और खिताब भी जीते थे। पेस के लिये नवरातिलोवा ही प्रेरणा बनी। पेस के साथ उन्होंने 2003 में जब आस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन के खिताब जीते थे तब उनकी उम्र 46 साल थी। इसके तीन साल बाद उन्होंने बाब ब्रायन के साथ यूएस ओपन का मिश्रित युगल का खिताब जीता था। कह सकते हैं कि वह लगभग 50 साल की उम्र तक प्रतिस्पर्धी टेनिस में बनी रही।
    अब जरा सानिया मिर्जा की भी बात कर लें। एक समय ऐसा था जबकि वह चोटों से जूझ रही थी और उन्हें चुका हुआ कहा जाने लगा था। लेकिन सानिया ने हार नहीं मानी और वास्तव में अब अपना चरम हासिल किया जबकि वह 28 साल की हो गयी हैं। उन्होंने हिंगिस के साथ मिलकर पहली बार ग्रैंडस्लैम में महिला युगल का खिताब जीता। वह दुनिया की नंबर एक युगल खिलाडी तो पहले ही बन गयी थी। अब लोगों को सानिया एक ग्लैमर गर्ल नहीं बल्कि ​खिलाड़ी के रूप में दिख रही है जो जबर्दस्त खेल से अपने से युवा खिलाड़ियों को चित कर रही है। यह कितना सुखद अहसास है कि पेस और सानिया जैसे भारतीय खिलाड़ियों के साथ मिलकर कभी दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी रही हिंगिस अपने पुराने दिनों की यादों को ताजा कर रही है। विंबलडन की बात करें तो भारत के लिये इस बार आल इंग्लैंड क्लब खास बन गया। पेस और सानिया के अलावा सुमित नागल ने भी लड़कों का युगल खिताब जीता। बधाई पेस, बधाई सानिया, बधाई सुमित।

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