Sunday, December 6, 2015

भारत के लिये टेस्ट की दोनों पारियों में शतक

    जिंक्य रहाणे एक टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले विशिष्ट क्लब में शामिल हो गये हैं। यह कारनामा करने वाले वह भारत के पांचवें बल्लेबाज हैं। विजय हजारे पहले बल्लेबाज थे जिन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998 में एडिलेड में 116 और 145 रन बनाये थे। इसके बाद सुनील गावस्कर ने तीन अवसरों पर यह कारनामा किया। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 1971 में अपनी पदार्पण सीरीज में पोर्ट आफ स्पेन में 124 और 220 रन, पाकिस्तान के खिलाफ 1978 में कराची में 111 ओर 137 रन तथा वेस्टइंडीज के खिलाफ 1978 में ही कोलकाता में 107 और नाबाद 182 रन बनाये।

अंजिक्य रहाणे: भारतीय टीम के नये श्रीमान भरोसेमंद 
 
       राहुल द्रविड़ ने भी दो बार यह उपलब्धि हासिल की। न्यूजीलैंड के खिलाफ 1999 में हैमिल्टन में 190 और नाबाद 103 तथा पाकिस्तान के खिलाफ 2005 में  कोलकाता में 110 और 135 रन। वर्तमान टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2014 में एडिलेड में 115 और 141 रन बनाकर इस सूची में अपना नाम लिखवाया था। अब रहाणे इस क्लब के नये सदस्य हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नयी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में 2015 में 127 और नाबाद 100 रन बनाये।
       वैसे एक और जानकारी इसमें शामिल कर दूं कि रहाणे छह दिसंबर को टेस्ट मैचों में शतक पूरा करने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। गावस्कर ने 1977 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में दूसरी पारी में 113 रन बनाये थे। गावस्कर से भी पहले एक अन्य भारतीय इफ्तिखार अली खां पटौदी ने छह दिसंबर को टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाया था। लेकिन उन्होंने यह शतक इंग्लैंड की तरफ से आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1932 में सिडनी में लगाया था। पटौदी का यह पदार्पण टेस्ट था जिसकी पहली पारी में उन्होंने 102 रन बनाये थे। यह छह दिसंबर को टेस्ट मैचों में बना पहला शतक भी था। नवाब पटौदी ने इंग्लैंड के लिये तीन टेस्ट मैच खेले। उन्होंने बाद में भारत की तरफ से भी तीन टेस्ट मैच खेले थे। 

1 comment:

  1. १५ साल के नाबाद १००९ रन बनाने वाले प्रणव धनावड़े के बारे में भी जरूर लिखियेगा ...एक गरीब विकट परीस्थितियों में रहकर कठिन परिश्रम करके अपने आपको साबित करके ही आगे बढ़ पाता है

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